3 करोड़ की ड्रग्स बरामद, 5 विदेशी तस्कर गिरफ्तारनशे का जाल युवाओं को खोखला कर रहा है — दिल्ली में इंटरनेशनल गैंग बेनकाब
November 21, 2025
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नई दिल्ली अरुण शर्मा रिधि दर्पण राजधानी में नशे का काला कारोबार लगातार फैलता जा रहा है और इसकी चपेट में सबसे ज्यादा युवा पीढ़ी आ रही है।
नई दिल्ली अरुण शर्मा रिधि दर्पण राजधानी में नशे का काला कारोबार लगातार फैलता जा रहा है और इसकी चपेट में सबसे ज्यादा युवा पीढ़ी आ रही है। दिल्ली पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी करने वाले हाई-ग्रेड सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है और 3 करोड़ रुपए की ड्रग्स बरामद की है। यह ड्रग्स दिल्ली-एनसीआर में युवाओं तक सप्लाई होने वाली थी।
इस कार्रवाई में पुलिस ने 5 विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है, जो लंबे समय से दिल्ली में छिपकर नशे का नेटवर्क चला रहे थे। डीसीपी (क्राइम) विक्रम सिंह के मुताबिक, यह गैंग हाई-क्वालिटी कोकीन, एमडीएमए और एक्स्टसी जैसी खतरनाक ड्रग्स सप्लाई करता था, जिनका सीधा असर दिल्ली के स्कूल-कॉलेजों के युवाओं पर पड़ रहा था।
नवादा मेट्रो स्टेशन के पास बड़ी पकड़
क्राइम ब्रांच की टीम को 31 अक्टूबर को सूचना मिली कि एक विदेशी गैंग का सदस्य नशे की बड़ी खेप लेकर दिल्ली पहुंचने वाला है। पुलिस ने जाल बिछाकर नवादा मेट्रो स्टेशन के पास से एक आरोपी को गिरफ्तार किया। उसके पास से 100 ग्राम एमडीएमए और 40 एक्स्टसी पिल्स बरामद की गईं।
पूछताछ के बाद गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश में छापेमारी की गई और उत्तम नगर से तीन अन्य विदेशी तस्करों को पकड़ा गया। इनके पास से 223 ग्राम हाई-ग्रेड कोकीन, 22 ग्राम एमडीएमए और भारी मात्रा में नशीला पदार्थ मिला।
पूछताछ में खुलासा हुआ कि दिल्ली-एनसीआर में युवाओं को पार्टी ड्रग्स सप्लाई करने का बड़ा नेटवर्क इन ही तस्करों के हाथ में था।
युवा पीढ़ी को निशाना बना रहा था गैंग
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह गिरोह जानबूझकर स्कूल-कॉलेज के युवाओं, होस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स और नाइट क्लब जाने वाले लड़कों-लड़कियों को निशाना बनाता था। इस तरह की ड्रग्स युवा दिमाग को नष्ट कर देती हैं और धीरे-धीरे युवा अपने परिवार, समाज और भविष्य से कट जाते हैं।
नशा सिर्फ अपराध नहीं — एक सामाजिक संकट
विशेषज्ञों के अनुसार, नशे की लत युवाओं को अपराध की ओर धकेलती है, मानसिक बीमारियाँ बढ़ाती है और परिवारों को बिखेर देती है। दिल्ली में पिछले छह महीनों में हाई-ग्रेड ड्रग्स की बरामदगी के मामलों में 40% की वृद्धि हुई है, जो बेहद चिंताजनक है।
पुलिस की सतर्कता से बच गई बड़ी आपूर्ति
अगर यह 3 करोड़ की ड्रग्स मार्केट में पहुँच जाती, तो सैकड़ों युवाओं का भविष्य बर्बाद हो सकता था। पुलिस का दावा है कि इस कार्रवाई से ड्रग सिंडिकेट का एक बड़ा मॉड्यूल ध्वस्त हुआ है।
पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क की जड़ तक पहुँचने के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के संपर्क में है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि ड्रग्स किन देशों से दिल्ली पहुँचाई जा रही थी।
नशे के खिलाफ लड़ाई सिर्फ पुलिस की नहीं, समाज की भी है। अगर युवा पीढ़ी को बचाना है, तो परिवार, स्कूल और समाज को मिलकर जागरूकता की बड़ी मुहिम चलानी होगी।